Friday, 28 March 2025

भारतीय संविधान अनुच्छेद 39


भारतीय संविधान का अनुच्छेद 39 न केवल आर्थिक नीतियों का मार्गदर्शन करता है, बल्कि यह समाज में समानता, न्याय और विकास के मूल्यों को भी सुदृढ़ बनाता है। यह हमें यह संदेश देता है कि विकास का वास्तविक अर्थ केवल आर्थिक प्रगति में ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की भलाई में निहित है। जब राज्य की नीतियाँ इस सिद्धांत के अनुरूप होंगी, तभी एक ऐसा समाज बन सकता है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर और सम्मान प्राप्त हो।

इस अनुच्छेद का महत्व इस बात में निहित है कि यह सिर्फ शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है जो हमें याद दिलाता है कि सच्ची समृद्धि और विकास तभी संभव है जब समाज के हर वर्ग का हित सर्वोपरि हो। आज के वैश्विक दौर में, जब आर्थिक विषमता और सामाजिक अन्याय जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं, अनुच्छेद 39 हमारे लिए एक प्रेरणा बन कर उभरता है। यह हमें बताता है कि अगर हम अपने समाज को समानता और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित करेंगे, तो हम एक अधिक समृद्ध और खुशहाल राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।

इस तरह, अनुच्छेद 39 भारतीय संविधान की एक महत्वपूर्ण धुरी है जो हमें एक न्यायसंगत, समान और समृद्ध समाज की ओर अग्रसर करती है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन में और अपने देश की नीतियों में हमेशा नागरिकों की भलाई को सर्वोपरि रखें।


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